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टमाटर की खेती के बारे में , कैसे होती है खेती -किसानी यात्रा

  टमाटर की खेती टमाटर की खेती के बारे में , कैसे होती है खेती -किसानी यात्रा   टमाटर :-सब्जियों में जरूरी टेस्ट के लिए टमाटर बहुत ही उपयोगी ...

 टमाटर की खेती


टमाटर की खेती के बारे में , कैसे होती है खेती -किसानी यात्रा
टमाटर की खेती के बारे में , कैसे होती है खेती -किसानी यात्रा 



टमाटर :-सब्जियों में जरूरी टेस्ट के लिए टमाटर बहुत ही उपयोगी है, और आप किसान है तो टमाटर की खेती कर सकते हो. आप किसान नही हो तो भी किचन गार्डन में टमाटर के पौधे लगाकर अपने घर के लिए टमाटर की पैदावार कर सकते हो. 

 टमाटर पोषक तत्वों से भरपूर 

टमाटर अत्यधिक लोकप्रिय सब्जी है और इसमें पोषक तत्व भरपूर मात्र में पाए जाते है. हम बात करे तो टमाटर में आयरन, फास्फोरस, विटामिन ए तथा विटामिन सी से भरपूर होता है.

टमाटर की फसल अवधि 

टमाटर फसल अवधि 60 से 120 दिन होती है, पौधे रोपण के ढाई से तीन माह बाद फल तैयार हो जाते है. मुख्यत फल दिसम्बर और जनवरी में प्राप्त होते है. वर्षा ऋतु और ग्रीष्म ऋतु में फल प्राप्त किये जा सकते है.

टमाटर की खेती के लिए आवश्यकताएं 
जलवायु - मध्यम ठंडा वातावरण टमाटर की खेती के लिए आवश्यक है. तापक्रम कम होने से अथवा पाले से पौधे मर जाते है. पौधों की उचित वृद्धि तथा फलन के लिए 21 डिग्री  से 23 डिग्री  सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है.

भूमि- टमाटर की खेती के लिए बलुई दुमट भूमि सबसे अच्छी मानी जाती है,और मिट्टी का पीएच 6-7 होना उचित रहता है.

सिचाई -टमाटर के लिए संतुलित सिचाई की आवश्यकता होती है. शरद ऋतु में 10 से 12 दिन के अंतराल में सिचाई की जाती है वही गर्मी में 4 से 5 दिन के अन्तराल के अनुसार सिचाई की जाती है. 
नोट :- टमाटर का पौधा मुलायम ओर मांसल होता है इसलिए पानी में डूबने से सड़ने गलने लगता है. अत: सिचाई का पानी तने से दूर रहे और रिसकर जड़ो को प्राप्त होने वाली सिचाई सही मानी जाती है. 

खाद एवं उर्वरक - एक हैक्टर भूमि से 150 kg नाइट्रोजन, 22 kg फास्फोरस तथा 150 kg पोटाश ग्रहण करता है. 

उद्यान क्रियाएँ - बीज -बीज की मात्रा हैक्टर 500 ग्राम प्रति 100 ग्राम बीज की संख्या 30,000
अंकुरण-85 से 90 %
अंकुरण  क्षमता -4 वर्ष
बीजोपचार-कैप्टन 50% 4 ग्राम प्रति किलो बीज

पौधे की तैयारी - वर्षा ऋतु में 10 सेमी. उच्ची क्यारी तैयार कर उसमे बीज बोना चाहिए. बीज कतारों में बोये. आर्द्रगलन की संभावना में क्यारियों को बोर्डो मिश्रण से उपचारित कर ले. धूप से बचाव के लिए बीज  बोने के बाद घास या चटाई से ढक दे. जब पौधे 4-5 सप्ताह के हो जाए या 7 से 10 सेमी. के हो जाए तो खेतो में रोप सकते है. 

पौधे रोपण करना :- पौधे रोपने का समय एवं दुरी 

प्रथम समय फसल -जुलाई-अगस्त (कतार से कतार दुरी 60 सेमी., पौधे से पौधे की दुरी 60 सेमी.)
मुख्य फसल- सितम्बर- अक्टूबर (कतार से कतार दुरी 60 सेमी., पौधे से पौधे की दुरी 50 सेमी.)
अंतिम फसल -नवम्बर-दिसम्बर (कतार से कतार दुरी 60 सेमी., पौधे से पौधे की दुरी 45 सेमी.)

पौधे को हम बड़े होने पर बास की लकडियो से सहारा देते है जिससे पौधों को सदने गलने और टूटने से बचाया जा सकता है.

टमाटर के फलो की तुड़ाई- जब टमाटर का कलर परिवर्तित होने लगे हरे से लाल या पीलापन दिखाई दे तो फलो को तोड़ लेना चाहिए . 


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